What is IPO – IPO क्या है और कैसे करे इसमे निवेश ?

IPO में पैसा लगाओ 8 से 10 दिन में पैसा डबल करो, क्या आपको पता है कि what is IPO – IPO क्या है और इसमें कैसे निवेश किया जाता है, क्या वाकई IPO से पैसा कमाना इतना आसान है? जानेंगे IPO के बारे में सब कुछ इस एक आर्टिकल से, तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़िए।

आज के समय में शेयर बाज़ार के बारे में किसने नही सुना है। शेयर बाजार में निवेश करने का एक तरीका IPO के द्वारा भी होता है। अतः इस प्रकार कह सकते है की IPO शेयर बाजार का एक हिस्सा या पार्ट है जो आज के समय में बहुत ही ज्यादा ट्रेंड पर चल रहा है।

आगे बढ़ने से पहले यह ध्यान रहे कि शेयर बाज़ार अनिश्चित होता है। अतः यहां निवेश करना जोखिम भरा होता है। इसलिए इस बाजार में अपनी मेहनत की कमाई लगाने से पहले बाजार को समझिए और सीखिए उसके बाद ही यहां निवेश कीजिए।

IPO क्या है

IPO का (फुल फार्म) पूरा नाम Initial Public Offering है। जब भी कंपनी को पैसे की जरुरत होती है तब कंपनी अपनी हिस्सेदारी को शेयर के रूप में पब्लिक को ऑफर करती है। मतलब पहली बार कंपनी के शेयर पब्लिक में बेचे जाते है। और उसके बाद वह कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हो जाती है। तो इस प्रक्रिया को IPO कहा जाता है।

क्योंकि इसमें कंपनी के द्वारा शेयर बेचे जाते हैं। इसलिए इसे प्राइमरी मार्केट कहते है।

कंपनी मार्किट में लिस्ट होने के बाद शेयर होल्डर उन शेयर को किसी अन्य व्यक्ति को बेच सकते है। और इस प्रक्रिया को सेकेंडरी मार्केट कहा जाता है। क्योंकि इस प्रक्रिया में पब्लिक आपस में ही शेयर्स को खरीदती और बेचती है।

  • इस प्रक्रिया के बाद वह कंपनी जिसका IPO लाया गया है उसका नाम Stock Exchange की लिस्ट में जुड़ जाता है। या यह भी कह सकते है की वह कंपनी बाजार में लिस्ट हो जाती है। 
  • जो व्यक्ति उस कंपनी के शेयर को खरीदते हैं उन्हें शेयर धारक (Share Holder) कहा जाता है। 
  • जिसको उस कंपनी के शेयर प्राप्त होते हैं वह प्राप्त शेयर उस व्यक्ति के डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं।
  • IPO से प्राप्त पूरा पैसा कंपनी के पास जाता है फिर जिस कारण IPO लाया गया उसमे वह पैसा यूज किया जाता है।

कंपनी IPO क्यों लाती है

सर्वप्रथम जब कंपनी स्टार्ट होती है तब कंपनी के प्रोमोटर/फाउंडर अपने पैसे से कंपनी की शुरुआत करते है। और फिर कंपनी जैसे-जैसे Grow करती है। तब कंपनी को बड़े स्तर पर कार्य करने के लिए या किसी अन्य कारण के लिए फण्ड की आवश्यकता होती है। अब देखे तो फण्ड एकत्रित करने के लिए कंपनी के पास कई विकल्प होते है। लोन, उधार, संपत्ति गिरवी रखना आदि लेकिन IPO से फंड जुटना कंपनी के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, क्योंकि IPO से प्राप्त रुपए पर कोई व्याज नही देना होता।

IPO से फण्ड प्राप्त करने में कंपनी का फायदा

कंपनी द्वारा जब IPO से फंड एकत्रित किया जाता है तो उस Amount पर कंपनी को ब्याज नहीं देना होता है और ना ही उस Amount को वापिस करने कि जरूरत होती है, जब तक कंपनी नहीं चाहे, कंपनी चाहे तो Buyback के जरिये शेयर वापस ले सकती है। लेकिन कंपनी द्वारा ऐसा तब किया जाता है जब कंपनी अच्छी परिस्थिति में होती है। और यदि कंपनी दिवालिया जैसी परिस्थिति में आ जाती है तो कंपनी के शेयर की कीमत भी बहुत ज्यादा गिर जाती है। जिसकी वजह से शेयर धारकों को बहुत ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ता है।  अतः इस वजह से कंपनी को IPO से फण्ड एकत्रित करना बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है।

IPO से पब्लिक को क्या फायदा

IPO में पैसे लगाकर कोई भी व्यक्ति पैसे कमा सकता है उसके लिए करना यह है कि जब भी किसी कंपनी का IPO आता है तो उसमे अप्लाई करना है जो की डीमैट अकाउंट से किसी भी IPO में अप्लाई किया जा सका है और जिस दिन IPO बाजार में लिस्ट होगा तब प्रॉफिट बुक कर लाभ कमाया जा सकता है।

दूसरा फायदा है कि कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हो जाने पर कोई भी व्यक्ति उस कंपनी के शेयर खरीद कर रख सकता है और जैसे जैसे कंपनी ग्रो होगी तो उसके शेयर के प्राइस भी बड़ेगा तो कंपनी की ग्रोथ बढ़ने पर शेयर होल्डर भी उसका लाभ ले सकते है। आम लोगो के लिए एक इन्वेस्टमेंट का साधन मिल जाता है जिसमे अच्छे रिटर्न की उम्मीद को जा सकती है।

क्या IPO में निवेश करना चाहिए या नहीं?

IPO में पैसा लगाना है या नहीं यह तो आपको ही तय करना होगा। लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखे तो ज्यादा तर IPO ने पैसा बना कर दिया है। तो थोड़ी सी रिसर्च कर के सही IPO में पैसा जरूर लगाना चाहिए।

क्या IPO में पैसे लगा कर पैसा कमाया जा सकता है

जी हां IPO से बिलकुल पैसा कमाया जा सकता है। यदि IPO मिल जाए तो लिस्टिंग gain से पैसा कमाया जा सकता है। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई को भी जानना जरूरी है वह यह है की प्रत्येक IPO प्रॉफिट में ही लिस्ट होगा यह कहना कठिन हो जाता है। लेकिन हम पहले ही IPO की डिटेल चेक कर सकते है की यह कितने प्रॉफिट और लॉस में लिस्ट हो सकता है जिसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करने की जरूरत होगी और आप अंदाजा लगा सकते है की कोन सा IPO आपको कमा के दे सकता है। और रिव्यू भी देख सकते है। साथ ही GMP प्राइस से भी अनुमान लगाया जा सकता है।

यह सब तो ठीक है इसके साथ में एक समस्या और भी रहती है वो यह कि जब भी कोई अच्छा IPO आता है तो उसमे बहुत ज्यादा बिट लग जाती है इस करना IPO सभी लोगो को नहीं मिल पाता है जैसे उदाहरण से समझिए कि 1 लाख लोगो को IPO मिलना है लेकिन 25 लाख लोग IPO की लाइन में लग गए तो फिर यहां IPO किस्मत बालो को ही मिल सकता है।

IPO लाने के कारण

कंपनी को फंड की जरूरत कई परिस्थिति में हो सकती है। 

बिजनेस को एक्सपैंड करने के लिए

बिजनेस को बड़े स्तर पर फैलाने के लिए ज्यादा मात्रा में फंड की आवश्यकता होती है। जैसे कोई नया प्रोडक्ट लांच करना हो, उत्पादन झमता बढ़ाना या दूसरे राज्य में उत्पादन शुरू करना आदि जैसी कई जरूरते होती है। इसके अलावा किसी कंपनी में वर्किंग कैपिटल की ज्यादा मात्रा में आवश्यकता पड़ती है। तो इन सभी जरूरत के लिए कंपनी IPO ला सकती है।

कर्ज चुकाने हेतु 

कई बार कंपनी में बहुत ज्यादा कर्ज हो जाता है जिसके कारण कंपनी उस कर्ज पर ब्याज का भुगतान करने के कारण लाभ नहीं कमा पाती या लाभ में कमी होने लगती है। अतः कर्ज को समाप्त करने या कम करने के लिए कंपनी IPO ला सकती है।

पुराने इन्वेस्टर को Exit करने के लिए

बिजनेस में जो एंजल इन्वेस्टर पैसे लगते है और वह इन्वेस्टर जब अपनी इंवेस्ट की हुई पूंजी वापस लेना चाहते है तब कंपनी चाहे तो IPO लांच कर उन इन्वेस्टर को एग्जिट करा सकती है। अतः कह सकते है की पुराने इन्वेस्टर को एग्जिट करने के लिए भी कंपनी IPO ला सकती है।

IPO लाने की प्रोसेस

जिस कंपनी को IPO लाना होता है उस कंपनी को सबसे पहले एक इन्वेस्टमेंट बैंक (मर्चेंट बैंक) को हायर करना होता है। उसके बाद वह मर्चेंट बैंक के कुछ महत्वपूर्ण कार्य होते है जिनको उसे पूरा करना होता है। जैसे – अंडरराइटिंग करना, Red Herring Prospectus तैयार करना जिसमे कंपनी की पूरी डिटेल दी जाती है। और Sebi , NSE / BSE से संबंधित गाइडलाइन तैयार करना और फिर कंपनी का वैल्यूएशन निकाल कर शेयर का प्राइस तय करना भी मर्चेंट बैंक का कार्य होता है।

शेयर का प्राइस

किसी भी कंपनी के शेयर का प्राइस निर्धारित करने के लिए पहले कंपनी का टोटल वैल्यूएशन में शेयर की संख्या से भाग देने पर एक शेयर की वैल्यू निकल जाती है। उसके बाद कंपनी को IPO से कितना फंड कलेक्ट करना है उसी के अनुसार कंपनी अपना स्टेक बेचती है।

उदाहरण से समझते है जैसे मान लेते है कि xyz कंपनी की टोटल वैल्यू 500 करोड़ लगाई जाती है और एक शेयर की प्राइस 100 रुपए रखी जाती है तो 500 करोड़ में 100 से भाग देने पर शेयर्स की संख्या निकल आएगी। जैसा कि इस केस में शेयर की संख्या 5 करोड़ शेयर है। और अब मान लेते है कि कंपनी 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी IPO के द्वारा पब्लिक में बेचना चाहती है। तो इस प्रोसेस में कंपनी IPO द्वारा 125 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में है। बाकी के शेयर कंपनी के प्रमोटर्स और पुराने इन्वेस्टर यदि कोई है तो उनके पास रहते है।

IPO में किस प्रकार इंवेस्ट करे?

IPO में निवेश करने का सबसे सही और आसान तरीका डिमैट अकाउंट के द्वारा होता है। इस तरह IPO में मिले शेयर आपके डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाते है। और शेयर लिस्ट होने के आप जब चाहे इन्हे बेच सकते है। पेमेंट करने के लिए UPI का उपयोग करना होता है।

IPO डिटेल चेक करे

IPO में निवेश से पहले IPO की डिटेल जरूर देखिए। डिटेल देखने के लिए कई सारी वेबसाइट है जो शेयर बाजार और IPO की जानकारी प्रदान करते है। इसमें आपको नॉर्मली ही कुछ जानकारी कलेक्ट करनी होती है जैसे – कितने का इशू है, प्राइस बैंड क्या है, सभी तारीखे आदि जानकारी प्राप्त करना होता है।

IPO एनालिसिस करे

यह महत्पूर्ण है कि किसी भी ipo में निवेश से पहले उस ipo के बारे में अपनी एनालिसिस जरूर करे। और यह निर्णय भी लेना होता है की इसमें आपको लिस्टिंग gain के लिए निवेश करना है या लॉन्ग टर्म के लिए। इसमें आपको यह जरूर देखना चाहिए कि कंपनी ipo किस वजह से ला रही है। मतलब यह कि कंपनी ipo से प्राप्त पैसे को कहा यूज करने बाली है।

साथ में कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन को जरूर देखे एवम कंपनी की सेल्स और प्रॉफिट में हर साल क्या ग्रोथ रही है। इसके साथ कंपनी के आगे क्या गोल्स और प्लान है। और कंपनी की ब्रांड वैल्यू क्या है। आदि इन सभी जानकारी के आधार पर ही IPO में निवेश का निर्णय बनाए।

IPO अप्लाई करे

  • IPO में अप्लाई करने का सबसे सही और बेहतर तरीका डीमैट एकाउंट के द्वारा होता है। जिसमे शेयर आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाते है और यह सब ऑनलाइन होता है।  इस प्रकार यह प्रक्रिया बहुत ही सरल हो जाती है। यदि आपका डिमैट अकाउंट नहीं है तो पहले आप किसी स्टॉक ब्रॉकर में अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर लीजिये। 
  •  IPO जितने दिन के लिए ओपन होता है, सिर्फ तभी तक उसमे bit लगाई जा सकती है। एवं bit लगाने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रहता है। हो सकता है भविष्य में टाइमिंग में परिवर्तन हो जाए।
  • डिमैट से अप्लाई करने के लिए अपने अकाउंट ओपन कर के IPO section में जाना है और जब भी IPO ओपन होगा तो उसकी लिस्ट आपको दिखाई देगी। 
  • अब आपको जिस IPO में bit लगानी है उस को सिलेक्ट करे या फिर Apply पर क्लिक करे
  • इसके बाद आपको अपनी UPI आईडी डालनी है। और उसके बाद इन्वेस्टर टाइप सिलेक्ट करना है नॉर्मली यह individual investor होता है।
  • नेक्स्ट स्टेप में आपको शेयर्स की संख्या डालनी है शेयर्स की संख्या आपको लॉट साइज के अनुसार ही डालना होगी। जैसे एक लॉट में 12 शेयर है तो आपको कम से कम 12 या इसके मल्टीपल में डालना होगी। जैसे – 12, 24, 36, 48 आदि। यह maximum लॉट साइज तक ही भर सकते है।
  • नेक्स्ट स्टेप में प्राइस देना है। जिसमे आप प्राइस बैंड के अनुसार दे सकते है यह फिर cutoff price पर दे सकते है। (Cutoff प्राइस IPO Subscribe होने के बाद जो भी फाइनल प्राइस डिक्लेयर होगा उस प्राइस में अलॉटमेंट मिलेगा)
  • अब नेक्स्ट स्टेप में आपको ऑर्डर प्लेस कर देना है जिसके बाद आपके UPI एप पर फंड ब्लॉक के लिए मेंडेड जायेगा तब UPI ऐप से उसे Pay करना है।
  • अब वह फंड आपके बैंक अकाउंट में ब्लॉक हो जायेगा। यदि आपको IPO का अलॉटमेंट मिल जाता है तो वह फंड आपके बैंक अकाउंट से काट लिया जायेगा। और यदि अलॉटमेंट नहीं मिलता है तो वह फंड आपके बैंक अकाउंट में वापस आ जायेगा।
  • यदि आपको अलॉटमेंट मिलता है तो वह शेयर आपके डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे।

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