Processor क्या है कैसे काम करता है – What is Processor in hindi

कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल यह सभी processor के बिना संभव ही नहीं है। (What is Processor in hindi) Processor क्या है कैसे काम करता है एक अच्छा Processor कैसे चुने, जानेंगे सब कुछ सरल शब्दों में, इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।

जब भी आप कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल आदि खरीदने विचार बना रहे हैं तो हमे उनके सभी configuration के बारे में जरूर ध्यान देना चाहिए। और यदि आप कंप्यूटर या मोबाइल से स्पीड या परफॉर्मेंस अच्छा चाहते है तो प्रोसेसर (CPU) का बेहतर होना जरूरी है, जनरली कोई भी अपने लिए एक फास्ट कंप्यूटर सिस्टम बिल्ड करना चाहता है और कंप्यूटर की स्पीड मुख्यता प्रोसेसर पर ही निर्भर रहती है। अच्छी स्पीड के लिए रैम और मदरबोर्ड भी जरूरी है लेकिन मुख्य रोल प्रोसेसर (CPU) का ही होता है। इसलिए अपने लिए सही प्रोसेसर (CPU) का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है।

मतलब सीधा है कि जितना अच्छा प्रोसेसर (CPU) होगा आपका कम्प्यूटर या मोबाइल से उतना ही अच्छा परफाॅरमेंस मिलेगा। यदि फास्ट प्रोसेसर है तो कंप्यूटर में उतनी ही ज्यादा मल्टीटास्किंग वर्क कर पाना आसान होगा।

Processor क्या है – What is Processor

प्रोसेसर, जिसे  (centre processing unit) CPU भी कहा जाता है, यह एक कंप्यूटर सिस्टम में हार्डवेयर कंपोनेंट होता है जो निर्देशों को निष्पादित करता है और कंप्यूटर के लिए गणनाएं करता है। यह सामान्यतः कंप्यूटर का “दिमाग” कहलाता है क्योंकि यह सॉफ़्टवेयर प्रोग्रामों और ऑपरेटिंग सिस्टम से कंप्यूटर को प्राप्त होने वाले अधिकांश निर्देशों का निष्पादन करने का कार्य करता है।

प्रोसेसर कंप्यूटर की मेमोरी से डेटा प्राप्त करता है, उस डेटा पर गणनाएं और तार्किक ऑपरेशन करता है और फिर उसके परिणामों को मेमोरी में वापस भेजता है। यह कंप्यूटर सिस्टम में विभिन्न कंपोनेंटों, जैसे इनपुट/आउटपुट डिवाइस, स्टोरेज डिवाइस और अन्य पेरिफेरल्स के बीच डेटा की फ्लो को भी संभालता है।

सरल शब्दों में हम यह कह सकते हैं की कंप्यूटर में प्रोसेसर ही एक ऐसा डिवाइस है जो यूजर द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन को समझ कर प्रोसेस करके यूजर को आउटपुट के जरिए रिजल्ट दिखाता है। कंप्यूटर बाइनरी भाषा को समझता है हम जो कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस द्वारा कमांड देते हैं उस कमांड को कंप्यूटर पहले बायनरी भाषा में कन्वर्ट करता है और फिर प्रोसेसर उस कमांड पर काम करता है और रिजल्ट देता है और यह रिजल्ट बायनरी भाषा में होता है तो इसको बायनरी भाषा से हमारी भाषा में कन्वर्ट किया जाता है और फिर हमें आउटपुट द्वारा इसका रिजल्ट दिखाई देता है और यह सब क्रिया बहुत ही फास्ट होती है।

प्रोसेसर एक छोटा सा डिवाइस होता है जिसको मदरबोर्ड के सीपीयू सॉकेट में कनेक्ट किया जाता है प्रोसेसर में कई सारे कनेक्टर होते हैं इसके द्वारा प्रोसेसर मदरबोर्ड से अच्छी तरह कनेक्ट होता है और कंप्यूटर का हर डिवाइस मदरबोर्ड से कनेक्ट रहता है और इस तरह प्रोसेसर की पहुंच मदरबोर्ड के द्वारा सभी डिवाइस तक हो जाती है। प्रोसेसर का बहुत ज्यादा यूज करने पर यह गर्म होने लगते हैं इसलिए इनको ठंडा रखने के लिए प्रोसेसर के ऊपर हीटसिंक लगाई जाती है और फैन भी लगाया जाता है इसके साथ ही आजकल कैबिनेट भी कूलर मास्टर कैबिनेट आते हैं जिसमे कई सारे फैन लगे होते है जिससे कि कैबिनेट के अंदर मौजूद उपकरण को ठंडा रखने में आसानी होती है।

प्रोसेसर का इतिहास

प्रोसेसर का विकास बहुत तेजी से हुआ है। पहले प्रोसेसर सिर्फ गिनती करने के लिए उपयोग किए जाते थे, लेकिन अब वे कंप्यूटर सिस्टम के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं।

प्रोसेसर के निर्माण का आरंभ 1940 के दशक में हुआ था, जब एक अमेरिकी इंजीनियर जॉन वन न्यूमैन ने एक इलेक्ट्रॉनिक गिनती मशीन बनाई। इसके बाद, वर्ष 1971 में इंटेल ने अपना पहला 4-बिट प्रोसेसर 4004 लॉन्च किया जो एक नया क्रांतिकारी उपलब्धि थी। वर्ष 1981 में इंटेल ने अपने प्रसिद्ध 8-बिट प्रोसेसर 8088 लॉन्च किया जो IBM PC में उपयोग किया जाने वाला सबसे पहला प्रोसेसर था।

Processor CPU के प्रकार या स्पेसिफिकेशन

आज के समय में कंप्यूटर प्रोसेसर विभिन्न प्रकार के होते हैं और इनकी विशेषताएं उनके क्लॉक स्पीड, कोरों की संख्या, कैश साइज और अन्य फीचर्स द्वारा निर्धारित कर सकते है।

जब भी आप अपने डेस्कटॉप या लैपटॉप के processor CPU खरीदे तो कुछ कॉमन जानकारी जरूर देखनी चाहिए जो की नीचे बताई गई है।

Core

कोर के मामले में प्रोसेसर कई टाइप के आते है जैसे कि सिंगल कोर, ड्यूल कोर, क्वाड कोर, हेक्सा कोर, ऑक्टा कोर आदि। मतलब यह की एक प्रोसेसर में कितने कोर है,

कंप्यूटर प्रोसेसर की बात करे तो आज के समय में कंपनी एक प्रोसेसर में 10, 14, 16, 20 कोर तक के प्रोसेसर को मार्केट में लांच कर चुकी है। प्रोसेसर में जितने ज्यादा कोर होंगे प्रोसेसर उतना फास्ट होगा और और उतने ही ज्यादा मल्टीटास्किंग वर्क हम अपने सिस्टम से कर पाएंगे।

Threats

प्रोसेसर के एक कोर में मैक्सिमम दो Threats होते है। यदि किसी प्रोसेसर में 4 कोर है तो उसमे ज्यादा से ज्यादा 8 Threats हो सकते है। और प्रोसेसर की स्पीड ज्यादा चाहिए तो थ्रेड्स भी ज्यादा जरूरी है।

Clock speed

प्रोसेसर किस गति से कम कर रहा है इसको कंप्यूटर की भाषा में क्लॉक स्पीड कहा जाता है  Cpu में होने वाली कंपन या cycle 1 सेकंड में कितनी बार होता है Cpu की  क्लॉक स्पीड को measure करने  को MHz और GHz में मापा जाता है। अगर Cpu 1  MHz की स्पीड का है तो cpu 1 सेकंड में 1 मिलियन cycle प्रोसेस करता है। इसी प्रकार यदि cpu 1 GHz की स्पीड का है तो cpu 1 सेकंड में 1 बिलियन cycle प्रोसेस करता है। जब फर्स्ट जनरेशन का cpu आया था तब क्लॉक स्पीड को Hertz और kilohertz में मापा जाता था।

अतः प्रोसेसर की जितनी ज्यादा स्पीड होगी प्रोसेसर उतना ज्यादा फास्ट होगा। कंपनी कोशिश कर रही है की ज्यादा से ज्यादा स्पीड के प्रोसेसर बनाए जाए अभी Intel ने i9 13900K cpu लांच  किया जिसमे मैक्स टर्बो स्पीड (Over Clock) 5.8 GHz तक दिया गया है

आमतौर पर देखा जाए तो CPU में base speed और Max Speed दोनो दी जाती है। जैसे base Speed 3.1GHz और Max Speed 5.8GHz 

 cpu की Max Speed (Over Clock) करने के लिए मदरबोर्ड भी Over Clockeble होना चाहिए तभी cpu की max speed का उपयोग किया जा सकता है।

Catch Memory

Catch Memory voletile कंप्यूटर मेमोरी है जो cpu के सबसे करीब होती है जिसमे प्रोसेसर को डाटा रीड करना फास्ट रहता है कैच मेमोरी में cpu के उपयोग का डाटा और इंटरेक्शन स्टोर रहता है। यह memory सबसे ज्यादा फास्ट होती है किंतु कम होती है। मान के चलो कि यदि केस मेमोरी नहीं होती तो प्रोसेसर को डाटा Ram और HDD से रीड करना पड़ता जिससे प्रोसेसर की स्पीड बहुत ही स्लो हो सकती है। अतः प्रोसेसर cpu को फास्ट बनाने के लिए cpu के साथ कैच मेमोरी आवश्यक है। और जितनी ज्यादा Catch मेमोरी होगी प्रोसेसर उतना अच्छा होता है।

Lithography

प्रोसेसर लिथोग्राफी एक तकनीक है जो प्रोसेसर के निर्माण में उपयोग की जाती है। इस तकनीक का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया में स्थानांतरण छवि को बनाने के लिए किया जाता है।

प्रोसेसर लिथोग्राफी की मात्रा उस सतह के आकार को निर्धारित करती है जो इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। इसका मतलब है कि जितनी अधिक लिथोग्राफी की मात्रा होगी, उतना ही अधिक डेटा कंप्यूटर प्रोसेसर में स्थान ले सकेगा और उसकी क्षमता बढ़ेगी।

लिथोग्राफी की मात्रा वास्तव में उत्पाद की सतह की उपलब्ध फिजिकल स्थानों की संख्या होती है, जो नैनोमीटर (nm) में निर्देशित की जाती है। सरल शब्दों में समझे तो प्रोसेसर में उपकरण या ट्रांजिस्टर की दूरी को nm में दर्शाया जाता है। अब इसका अर्थ यह है कि जितनी कम दूरी होगी उतने ज्यादा ट्रांजिस्टर लगाए जा सकेंगे और ज्यादा ट्रांजिस्टर होने से प्रोसेसर की कार्यछमता भी बडेगी। परंतु ज्यादा ट्रांजिस्टर होने से जल्दी गर्म (Heating) होने की समस्या भी हो सकती है।

रैम सपोर्ट 

नए प्रोसेसर में न्यू टेक्नोलॉजी रैम का सपोर्ट मिलता है जो की पुरानी रैम से बहुत ही ज्यादा फास्ट होती है। पुराने समय में DDR1 जो कि लगभग 400 से 500 Mht पर काम करती थी। फिर उसके बाद DDR2 – 800 से1000Mht  DDR3-1300 से 1600Mht DDR4- 2600 से 3200Mht,  DDR5- 4800 से 5600 Mht तक सपोर्ट करती है तो जितनी ज्यादा स्पीड बाली रैम होगी कंप्यूटर को स्पीड भी बढ़िया रहेगी।

बाजार में उपलब्ध प्रोसेसर 

बाजार में प्रोसेसर की बहुत ही ज्यादा भरमार हो चुकी है क्योंकि कंपनी कुछ समय अंतराल पर एक नया प्रोसेसर लांच कर रही है। और हर बार पुराने प्रोसेसर से बेहतर  स्पेसिफिकेशन अपग्रेड करके नए नाम से नया प्रोसेसर बाजार में लांच कर दिया जाता है। कंप्यूटर प्रोसेसर के निर्माण में  Intel और AMD है और मोबाइल के लिए मीडियाटेक एवम क्वॉलकॉम स्नैपड्रेगन और भी कंपनी जैसे सैमसंग आदि भी है।

बाजार में कई प्रोसेसर उपलव्ध है जैसे Intel में – i3, i5, i7, i9 और कंपनी लगभग हर साल में इनका एक नया अपग्रेड वर्जन लेकर आती है जिसे जनरेशन के माध्यम से समझ सकते है। जैसे अभी intel 13th जनरेशन के CPU मार्केट में आए है। और इंटेल कंपनी एक ही मॉडल के जनरेशन में कई प्रोसेसर बनाती है जिनको उनके नंबर से पहचाना जाता है जैसे – i5 13400, i5 13400f, i5 13500, i5 13600K, i5 13500KF और भी कई सारे मॉडल है और इन सबके स्पेसिफिकेशन और प्राइस अलग अलग होते है। और कुछ क्वालिटीज भी होती है। जिन CPU के नंबर के अंत में f लगा होता है उन CPU में GPU नही होता इसके साथ ग्राफिक कार्ड अलग से लेना अनिवार्य होता है। और जिनके नंबर के अंत में K होता है वह अनलॉक CPU होते है जिन्हे ओवरक्लॉक करके ज्यादा स्पीड बढ़ाई जा सकती है।

ओल्ड vs न्यू प्रोसेसर

कई लोगो को यह कन्फ्यूजन भी रहता है कि पुराने प्रोसेसर और नए प्रोसेसर दोनो में से कोन से बेहतर है और किस में ज्यादा स्पीड देखने को मिल सकती है। तो इस बात को भी समझ लेते है। अब स्पीड जिसमे ज्यादा मिलेगी उसके लिए ऊपर बताए गए स्पेसिफिकेशन को कंपेयर करना होगा जिसमे ज्यादा अच्छा स्पेसिफिकेशन होगा परफॉर्मेंस भी उसका अच्छा होगा। जैसे intel के cpu का उदाहरण लेते है कि एक प्रोसेसर i7 4 th generation का और एक i5 11 generation  ये दोनो के प्राइस लगभग समान हो सकते है लेकिन परफॉर्मेंस i5 में ही ज्यादा देखने को मिलेगी। इसलिए अगर प्रोसेसर का चनाव करे तो जो लेटेस्ट प्रोसेसर का ही चुनाव करना बेहतर होगा। 

Conclusion सारांश

मुझे आशा है कि आप प्रोसेसर CPU  के बारे बहुत कुछ जान गए होगे यदि अभी भी कोई सवाल है तो कॉमेंट जरूर करें। 

जब भी आप प्रोसेसर CPU  खरीदे तो ऊपर बताई गई स्पेसिफिकेशन जिस में ज्यादा हो और जो आपके बजट में आ जाए उस का खरीदना बेहतर होगा। साथ में आपको अपने काम को ध्यान में रखना जरूरी है कि जिस सॉफ्टवेयर का उसे करना है उनकी सिस्टम requrement क्या है। तो requrement से हमेशा ज्यादा लेना बेहतर होता है।

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